sneha

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Happy and Love

Happy and Love

खुशी और प्यार खुशी और प्यार प्यार एक दूसरे को समझने का बंधन है जिसके सहारे खुशियों को उच्च स्थान प्राप्त होता है। बंधन हमारे स्वभाव जनित संबंध को दर्शाता है। इसकी गहराई हमारे सक्रियता पर निर्भर करता है। समय के साथ यदि इसमें बदलाव होता है तो खुशियां भी कम या अधिक हो जाती है। आजकल के व्यवसायिक सोच ने संबंधों को भी प्रभावित करने लगा है। जिससे खुशियों को बनाए रखना एक गंभीर चुनौती बन गई है। सीमित अवधि वाला खुशी यदि जोखिम भरा भी ही तो कई लोग आगे निकल जाते है जिससे की उसमे प्यार की…
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दृढ़ता से नैतिक विकास

दृढ़ता से नैतिक विकास

नैतिक विकास के लिए हमें सतत प्रयास की जरूरत होती है। हमे अपने लिए एक व्यवस्था विकसित करनी होती है। जिसका अभ्यस्त होना होता है तथा समय के साथ नवीन विचार से भी खुद को जोड़ना होता है। फिर विकाश की प्रक्रिया समय से साथ चलने लगती है। संकल्प शक्ति का प्रयोग करते हुए बेहतर प्रवंधन के सहारे ही हम विकास की धारा को बनाये रख सकते है। खुद पे बिश्वास होना भी वहुत जरुरी होता है इसके लिए हर जरुरी तथ्य को जोड़कर आगे ले जाना होता है। उच्च कार्य उर्जा वाले के लिए कार्य को करना आसान होता…
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Handle yourself

Handle yourself

खुद को संभाल खुद को संभाल सहेली जीवन में शादी एक अनोखा उत्सव है इसमें मानसिक चंचलता अपने चरम पर रहता है। एक नए जीवन के प्रति उत्साह का अपना अलग ही उमंग होता है। साथी सहपाठी के प्रती जुड़ाव से उसके प्रती आत्मीयता और बढ़ जाती है। उसमें नवीन बिचारों का एक मादक व्यवहार दिखाई देने लगता है लेकिन अपने - अपने सीमा के अधिन ही बिचारो का आदान प्रदान होता रहता है। ऐसी ही एक बिचार को व्यक्त करता ये युक्ति जीवन मे आने वाली संभावना के प्रती बिचार को स्थापित करने का एक योग है। अपनो के…
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Pyara gulab

Pyara gulab

प्यारा गुलाब गुलाब से खुद का हिसाब आज के भाग दौड़ की जिंदगी में स्वयं को व्यवस्थित कर पाना एक चुनौती है। इस चुनौती से निकलने का जिद्दोजहद लगातार चलता रहता है। कुछ तो सफल हो जाते है, कुछ भटक कर कही खो जाते है, कुछ का प्रयास अनवरत चलता रहता है। उपरोक्त उक्ति स्वयं के अंदर की भाव को समझने को प्रेरित करता है जिससे की व्यक्ति समय के साथ खुद का न्याय कर सके। हमारे द्वारा अपनाए जा रहे हर विधा का मूल्यांकन समय के साथ समाज के अंदर किया जाता है जिससे हमे स्वयं को स्थापित करने…
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General bogie

General bogie

साधारण बोगी साधारण ट्रेन से सीख यात्रा आजकल एक जरूरी व्यवस्था बन गया है इसके बिना किसी कार्य को समय से निस्पादन करना एक कठीन बिषय है। यात्रा को सुखद आरामदेह और आनन्द पुर्ण बनाने के लिए लगातार प्रयास चलते रहते है। लेकिन कुछ ऐसी घटना जिनका हमने पुर्वानुमान नही लगाया या हमारी जानकारी इस स्तर की नही थी या समझ नही पाई हमे नुकशान दे जाता है। हमारी इसी व्यवस्था से यह शिकायत रहता है लेकिन इसको बिल्कूल सही कर पाना संभव भा नही होता है। साधारण ट्रेन या साधारण वोगी की बातें करे तो यहां की व्यवस्था समय…
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Lovely dear

Lovely dear

प्यारो हो प्यारे हो प्यार की दशा और दिशा को आज के समय मे एक बन्धन मे बांधकर रखना चुनौती है क्योकि जीवन की समझ को विज्ञान ने बदल दिया है। बदले हुए सोच से आगे बढ़ने की ललक तीव्र है साथ ही शारीरिक मानडंड को भी पुरा करना होता है। दोनो को साथ ले चलने मे भटकाव का स्तर चरम पर होता है। सुनियोजित व्यहार के साथ आगे जाता हुआ व्यक्ति ही आपने को सही रुप से स्थापित कर पाता है।      स्वयं को स्थापित कर लेने के वाद भी उसका ये अभियान नही रुकता है वह समय के…
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Marriage circle

Marriage circle

बैवाहिक चक्र बैवाहीक चक्र स्वयं को द्वरा जो प्रयास किये जाते है वह यथेष्ठ होता है तो कभी आत्मगलानी का शिकार नहीं होना होता है। इसी बिचार को संयमित तथा नियमित करना होता है जो हमे व्यहार तथा स्वप्रेरणा से ही सिखना होता है। बौवाहिक जीवन की हर चुनौती को आसान बनाने के लिए कुछ साहसिक उपाय तो किये ही जाने चाहिए जिससे की हमे जीवन की चुनैती को समझने मे सुहिलियत हो। बिचार की इसी प्रवाह को बौचारिक स्तर पर मंथन करते हुए आपको अनुग्रहित करने हेतु हमारा प्रयास है। बैवाहिक जीवन मे आने के साथ ही स्वयं को…
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आजादी के अमृत महोत्सव

आजादी के अमृत महोत्सव

आजादी के अमृत महोत्सव आज हम आजादी के 76 वें वर्ष में है। स्वतंत्र भारत के 75 वर्ष भारतीय समाज को पुर्गठण में एक महत्वपुर्ण भुमिका निभाया है। लम्बी गुलामी के कारण हमें कुंठीत मानसिकता से बाहर निकलने मे हमारे समाज को काफी संधर्ष करना पड़ा है। अब जागरुकता का नया दौर आया है। हम राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानडंड को समझकर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे है। यही से हमारा भाग्योदय का सुरज भी उपर जढ़ने लगा है। हमारी बढ़ती प्रखरता के साथ हमारी चुनौती भी बढ़ा है इसके साथ हमारी चेतना भी जागृत हुई है। अब हम चुनौती…
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भुक्खड कहीं का

भुक्खड कहीं का

भुख्खड़ कहीं का भुक्खड कहीं का आजकल के आपाधापी जिन्दगी के भागमभाग मे उलझन भी कम नही है। धर्म के घटने से आसुरी प्रबृति जन्म लेने लगी है। बेलगाम बिज्ञान रुपी धोड़े की चाभी उडण्डों के लग गई है, जिसमे मानव मुल्यो का चितन ही नही है। हर बस्तु को बिकाऊ मानकर बजार मे उतार रहा है। अमुल्यवान बस्तु भी हांफने लगी है कि कही उसका भी दाम न लग जाये। यदी ऐसा हुआ तो उसे भी बाजार की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। प्यार मोहब्बत के नाजुक रिस्तो भी मौज मस्ती का साधन बनते जा रहे है। टुटते बनते…
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प्यारा बचपन

प्यारा बचपन

Childhood has basic information for success in life. In this time expression of feeling is easy and no any person react seriously but this type of action makes real character of childhood. Working direction and priority of work give the strength of desire in life. Many person try to change it but this is not possible in major form. So your light part of future is visualized through you childhood.time. जीवन को बिकाशोन्नमुख बनाने के लिए आजकल प्रयास बहुत निचे स्तर से शुरु हो गया है। व्यक्ति स्वयं भी खुद को जानने के लिए बचपन की यादोॆ का सहारा लेता…
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