sneha

137 Posts
वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत    यह व्रत नारी स्वयं को सुहागन बनाये रखने के लिए करती है। सुहागन स्त्री को मानसिक तथा समाजिक दोनो स्तर पर समायोजन पति के द्वारा ही संभव होता है। नारी के मान-सम्मान की रक्षा का प्रभाव पुरुष पर ही होता है। अपने पति को समर्पित पत्नी का जीवन आशा और विश्वास के साथ आगे बढ़ता जाता है। शारीर सौन्दैर्य घटता है तथा विश्वास और टटस्थता बढ़ती जाती है। स्त्री की संवेदना अपने पती के प्रती इतना सुदृढ़ हो जाता है कि वह अपने पति के सिवाय किसी के प्रती सोचना भी पसंद नही करती है। कहते…
Read More

मुर्ती पुजा

मुर्ती पुजा                                                      मुर्ती पुजा का इतिहास बहुत पुराना है। मानव ने जबसे जीवन को समझना शुरु किया तभी से उन्होने चित्र रुप का निरुपण किया। उसके भय को एक सहारे की जरुरत थी। यही सहारा मुर्ति के पुजा का स्थान सुनिश्चित किया। मानव के बिकाश की यात्रा का इतिहास आज के मानव को बुद्दिमान सावित करता है। लेकिन मुल बिषय डर आज भी है। डर का नियोजन समय के साथ तथा व्यक्ति दर व्यक्ति अलग - अलग होता है, तथा किया जाने वाला उपाय भी अलग होता है। लेकिन धार्मिक मान्यता हमारे अंदर जो भाव पैदा करता है, उससे…
Read More
युद्ध से धर्म

युद्ध से धर्म

युद्द से धर्म गीता मे कहा गया है कि युद्द अंतिम बिकल्प है। यदी शांति के सारे उपाय विफल हो जाय तो युद्द के तरफ जाना चाहिए। स्थापित परंपरा के अनुरुप हमे आगे बढ़कर मानव की सेवा भाव के प्रति आरुढ़ रहना चाहिए। यदि इसमे अवरोध है तो इसका प्रतिकार हो तथा युद्ध भी यदि करना परे तो पिछे नही हटना चाहिए। इतिहास मे युद्ध की अनेको कहानी मिलती है। किस्से कहानीयों मे भी हम युद्द की गाथा सुनते है। मनोरंजन मे होने वाले आनन्द भी एक ऐसी ही गाथा से गुजरता है। चार्लस डार्विन ने कहा था अस्तित्व के…
Read More
फिदाईन हमला

फिदाईन हमला

फिदाईन हमला आधुनिक दुनिया मे जब हथियारों की होर लगी है। लोग हथियार के अलग अलग रुप तैयार कर रहे है, जिससे की अचुक निशाना लगाया जाय तथा सफलता को सुनिश्चित किया जा सके। रोज हो रहे अनुसंधान ने एक अलग ही कौतुहल पैदा कर दिया है। साथ ही इस आधुनिक हथियार से सुरक्षा की तैयारी भी कि जा रही है। लेकिन एक परम्परागत हथियार का इस्तेमाल सबको चौका देता है। यह है मानविय विश्वास से आधात यानी फिदाईन हमला। इस प्रक्रिया के तहत विश्वास की पुरी प्रणाली का गहन अध्ययन किया जाता है। तत पश्चात हमला करने वाले तथा…
Read More
एटम बम 2022

एटम बम 2022

एटम बम 2022 तृतीय बिश्व युद्द के अंतिम दौर का समय चल रहा है। आपसी तनाव की बढ़ती दुरीया ने युद्द के कई मोर्चा खोल दिया है। तनाव तैयारी को जन्म देता है। तैयारी मौजुदा हालात के अनुरुप ही तय होता है। जब तैयारी का मानदण्ड पुरा होता है तो वातचीत की तल्खी बढ़ जाती है। इसके बाद आपसी नाप तौल का दौर चलता है। पुरी तरह से संतुष्ट हो जाने के बाद माहौल को अपने अनुकुल बनाने की प्रक्रिया चलती है साथ ही जरुरी उपाय भी करने शुरु हो जाता है। फिर प्रतिद्वन्दी की उलटी गिनती शुरु हो जाती…
Read More
मन क्यो धबड़ाये

मन क्यो धबड़ाये

मन क्यो धबड़ाये मन बड़ा ही चंचल है, यह हमारे शरीर मे होने वाले आंशिक हलचल को भी परिलक्षित कर देता है। यह कुछ क्षण ही स्थिर रह सकता है, इसके बाद इसका बदलना हो सकता है। मन मे घबड़ाहट कई कारणो से होता है, लेकिन मुल आधार होता है, शरीर के नष्ट होने का भय यह एक ऐसा कारक है, जिसके हावी होते ही मन मे धबड़ाहट का दौर चलना शुरु हो जाता है। समय के साथ ही इसकी तिव्रता बढ़ती ही जाती है। मन की धबड़ाहट को शांत करने के लिए हमे बाहर की घटनाओं का बर्णन देखना…
Read More
भक्त हनुमान

भक्त हनुमान

भक्त हनुमान भक्ति की परमानन्द को पाने वाले भक्त हनुमान को भक्त शिरोमणी भी की संज्ञा दी जाती है। भगवान की भक्ति की महीमा को गाने मे समस्त जीवो मे हनुमान का नाम सबसे ऊपर आता है। हनुमान जी ने अपने लिए भक्ति के सिवाय कुछ नही चाहा। यही गुणकारी भाव उनको समस्त जीवो से ऊपर ले गया। दिन दुखियो को मदद करना भारतीय बिचारधारा की धरोहर रही है। इसी धरोहर के भाव को जिवंत रुप हनुमान जी ने दिये जिसके कारण हम उन्हे भगवान की संज्ञा भी देते है। भक्त के रुप मे उनकी गाथा हम गाते है तो…
Read More
रामनवमी

रामनवमी

रामनवमी भगवान राम का जन्म भारतीय समाज के मर्यादा को मिले उचाई के साथ एक सुखद राष्ट्र नायक के लिए याद किया जाता है। राजा राम मर्यादापुरुषोत्तम है। उन्होने जो समाज मे राष्ट्र के अवधारणा को लेकर जिस समाजिक मुल्य को स्थापित किया उसका मुल्यांकन आज भी किया जा रहा है। यह कार्य तव तक चलेगा जबतक की मानव स्वयं को सवलता प्राप्त न कर ले। राजा राम ने पृतिभक्ति को सर्वोत्तम माना जिसका निर्वाह उन्होने अंत तक किया। अपने भार्या के प्रति अपने जिम्मेदारी को भाव पुर्ण व्यवहार से सराहा। साथ ही राष्ट्र के भावना को उपर रखा। यदि…
Read More
Good Morning Nature

Good Morning Nature

हे प्रकृति आपका जय हो। आपको समझकर ही आज मानव अपनी बिकाश यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। सुर्य की गति धरती पर जीवन को नियंत्रित करता है, क्योकि उर्जा के वितरण का एक मात्र नियमित स्त्रोत यही है। प्रभात के साथ ही जीवन का बिखराव होने लगता है, तथा सुर्यास्त के साथ ही जीवन सिमटने लगता है। यह बिखरना और सिमटना हमारे दैनिक जीवन का भाग बन गया है। हम इसका अभ्यस्त हो चुके है। इसलिए हम इससे आगे सोचते है। यह सोच हमे प्राकृत से अलग कर देती है। हम यहां स्वयं की आवधारना के सोच को लेकर…
Read More
हिन्दी नव वर्ष

हिन्दी नव वर्ष

हिन्दी नव वर्ष भारत एक कृर्षी प्रधान देश है। यहां के वन उपवन से ही सुख और समृद्धी आता है। जिवन को उद्वेलित करने तथा नयापन का एहसास करने के लिए हमारी प्रकृति ही हमारा आधार है। कहा जाता है कि अन्न से आनन्द आता है। फसल के कटकर घर आने के बाद मन मे प्रसन्नता तो आता ही है वाग बगीचे भी प्रकृति के बदलते मौसम को स्वागत करते है। फलदायी बृक्ष मज्जर से लद जाता है। मधु की मादकता चलती है तो किटपतंग परागन के लिए मडड़ाने लगते है। प्राकृत अपने नियम को इसतरह सुचिबद्द किया है कि…
Read More
error: Content is protected !!